भाजपा दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने बैज और लखमा के बयानों पर किया तीखा पलटवार, कहा : बैज यह साफ करें कि लखमा के बयान से कांग्रेस इत्तेफ़ाक़ रखती है ?
द सिटी रिपोर्ट न्यूज़@दुर्ग
भाजपा दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने ईवीएम को लेकर कांग्रेस के रुख को लेकर तीखा हमला बोला है औऱ इसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की खुली अवहेलना बताया है।
इससे यह आईने की तरह साफ हो गया है कि संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कांग्रेस के लोगों में जरा भी सम्मान नहीं है और देश में संविधान रक्षक अभियान चलाकर कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक नौटंकी करने में लगी है। श्री चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस ‘दो-गलेपन’ का प्रदर्शन कर रही है।
ईवीएम से आगामी विधानसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस इलेक्शन नहीं लड़ेगी…
भाजपा दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा ने एक बार फिर बैलेट पेपर से मतदान की मांग करके और यह कहकर कि, ईवीएम से आगामी विधानसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस इलेक्शन नहीं लड़ेगी, यह बता दिया है कि कांग्रेस को न तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भरोसा है और न ही देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के प्रति सम्मान है।
लखमा का यह बयान कांग्रेस के असली राजनीतिक चरित्र का ही परिचायक है। श्री चंद्राकर ने इसी संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पर भी निशाना साधा और कहा कि बैज को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या प्रदेश कांग्रेस लखमा के बयान से इत्तेफाक रखती है? क्या इस अक्षम्य बयानबाजी के लिए लखमा पर कांग्रेस नेतृत्व कोई कड़ी कार्रवाई करने की हिम्मत जुटाएगा ?
कांग्रेस गठबंधन सहयोगियों से बात करेगी और आंदोलन किया जाएगा…
लखमा के बयान पर बैज सिर्फ यह कहकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ‘कांग्रेस गठबंधन सहयोगियों से बात करेगी और आंदोलन किया जाएगा। चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए। ईवीएम से चुनाव लड़ना है या नहीं, हाईकमान तय करेगा।’
श्री चंद्राकर ने कहा कि बैज और लखमा घुमा-फिराकर ‘दो गले’ से एक ही बात कहकर देश के संसदीय प्रजातंत्र, न्यायपालिका और संविधान का एक तरफ खुला मखौल उड़ा रहे हैं और दूसरी तरफ संविधान की दुहाई देकर झूठा नैरेटिव चला रहे हैं। जबकि कांग्रेस अच्छे से जानती है कि EVM की शुरुआत उनके ही कार्यकाल के समय हुआ था।
2004 से लेकर 2014 तक लगातार 10 वर्ष केंद्र में EVM से चुनकर ही कांग्रेस ने शासन चलाया और 2018 के बाद 5 साल से EVM से ही चुनकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई बावजूद कांग्रेस के इस ‘दो-गलेपन’ के चलते छत्तीसगढ़ समेत देशभर में कांग्रेस विलुप्त होने के कगार पर है।